kanchan singla

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~बरसती बारिशें~


ये मौसम, ये बारिशें
टप-टप बरसती
मीठी-मीठी धुन में
बरसती ये बारिशें ।।

ये हवाएं, ये रंगीनी बारिशें
छू कर हमको गुजर जाएं
एहसास हो ठंडी चुभन का
जब-जब बरसती ये बारिशें ।।

ये लम्हें ये बारिशें
थम जाएं यहीं कहीं दरमयां हमारे
लम्हें पकड़ लूं, जाने ना दूं जब
झम-झम बरसती ये बारिशें ।।

बारिशों के किस्से 
तेरे मेरे हिस्से 
रूह की रवानगी
दिलों की दीवानगी
छा जाए हम पर जब
रिम-झिम बरसती ये बारिशें ।।




~बरसती बारिशें~🎵🎶


लेखिका- कंचन सिंगला
लेखनी प्रतियोगिता -17-Dec-2021

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3 Comments

Shrishti pandey

18-Dec-2021 09:14 AM

Very beautiful

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Swati chourasia

17-Dec-2021 11:57 PM

Very beautiful 👌

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Abhinav ji

17-Dec-2021 11:30 PM

Awesome

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